सही म्यूचुअल फंड का चयन आपके निवेश यात्रा में एक महत्वपूर्ण निर्णय हो सकता है। भारतीय बाजार में उपलब्ध विभिन्न विकल्पों के साथ, यह आवश्यक है कि आपका चयन आपके वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और निवेश अवधि के साथ मेल खाए। यहाँ आपके आवश्यकताओं के लिए सबसे उपयुक्त म्यूचुअल फंड का चयन करने के लिए एक चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका है।

म्यूचुअल फंड में निवेश लंबी अवधि में धन बनाने के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है। हालांकि, किसी भी निवेश की तरह, म्यूचुअल फंड निवेश मे भी जोखिम हैं। निवेश निर्णय लेने के लिए इन जोखिमों को समझना और उनका आकलन करना आवश्यक है। इस लेख का उद्देश्य म्यूचुअल फंड मे प्रयोग किए जाने वाले कुछ प्रमुख जोखिम मूल्यांकन के तरीकों पे पर प्रकाश डालना है।  ये प्रमुख जोखिम मूल्यांकन के तरीके निम्नलिखित है: 

  1. स्टैन्डर्ड डीवीऐशन 
  2. सेमी डीवीऐशन
  3. वैल्यू एट रिस्क (VaR)
  4. ऐव्रिज ड्रॉ डाउन 
  5. मैक्समम ड्रॉ डाउन 

इनका डाटा अधिकांश फंड के लिए इस वेबसाईट पे उपलब्ध है.

फायदा:

  1.     विविधता
  2.     व्यावसायिक प्रबंधन
  3.     पैमाने की अर्थव्यवस्थाएं (ईकानमी ऑफ स्केल)
  4.     तरलता (लिक्विडिटी)
  5.     विभिन्न प्रकार के निवेश विकल्प
  6.     स्वत: पुनर्निवेश

नुकसान:

  1.     शुल्क और व्यय
  2.     रिटर्न की कोई गारंटी नहीं
  3.     सीमित नियंत्रण
  4.     अंडरपरफॉर्मेंस की संभावना
  5.     कर (टैक्स)