• जोखिम का प्रमुख मापक: स्टैंडर्ड डेविएशन म्यूचुअल फंड के जोखिम को मापने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह बताता है कि फंड के रिटर्न में कितना उतार-चढ़ाव (volatility) है।

  • निवेशक की जोखिम सहनशीलता को समझना: अगर आप जोखिम लेने के लिए तैयार हैं और ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, तो ज्यादा स्टैंडर्ड डेविएशन वाला फंड चुनें। लेकिन अगर आपको सुरक्षित और स्थिर रिटर्न चाहिए, तो कम स्टैंडर्ड डेविएशन वाला फंड बेहतर है।

  • फंड की तुलना करने का आधार: अलग-अलग म्यूचुअल फंड के स्टैंडर्ड डेविएशन की तुलना करके आप यह समझ सकते हैं कि कौन सा फंड आपके निवेश लक्ष्य और जोखिम सहनशीलता के अनुसार सही है।

म्यूचुअल फंड में निवेश लंबी अवधि में धन बनाने के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है। हालांकि, किसी भी निवेश की तरह, म्यूचुअल फंड निवेश मे भी जोखिम हैं। निवेश निर्णय लेने के लिए इन जोखिमों को समझना और उनका आकलन करना आवश्यक है। इस लेख का उद्देश्य म्यूचुअल फंड मे प्रयोग किए जाने वाले कुछ प्रमुख जोखिम मूल्यांकन के तरीकों पे पर प्रकाश डालना है।  ये प्रमुख जोखिम मूल्यांकन के तरीके निम्नलिखित है: 

  1. स्टैन्डर्ड डीवीऐशन 
  2. सेमी डीवीऐशन
  3. वैल्यू एट रिस्क (VaR)
  4. ऐव्रिज ड्रॉ डाउन 
  5. मैक्समम ड्रॉ डाउन 

इनका डाटा अधिकांश फंड के लिए इस वेबसाईट पे उपलब्ध है.

  • इक्विटी फंड्स: उच्च रिटर्न, उच्च जोखिम, लंबी अवधि, बाजार उतार-चढ़ाव।
  • डेट फंड्स: नियमित आय, कम जोखिम, पूंजी संरक्षण, ब्याज दर संवेदनशीलता।
  • निवेश उद्देश्य: पूंजी वृद्धि बनाम नियमित आय।
  • जोखिम सहनशीलता: उच्च जोखिम इक्विटी, कम जोखिम डेट।
  • निवेश अवधि: इक्विटी लंबी अवधि, डेट छोटी-मध्यम अवधि।