प्रकाशित: 10-02-2025: 11:06

  • जोखिम का प्रमुख मापक: स्टैंडर्ड डेविएशन म्यूचुअल फंड के जोखिम को मापने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह बताता है कि फंड के रिटर्न में कितना उतार-चढ़ाव (volatility) है।

  • निवेशक की जोखिम सहनशीलता को समझना: अगर आप जोखिम लेने के लिए तैयार हैं और ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, तो ज्यादा स्टैंडर्ड डेविएशन वाला फंड चुनें। लेकिन अगर आपको सुरक्षित और स्थिर रिटर्न चाहिए, तो कम स्टैंडर्ड डेविएशन वाला फंड बेहतर है।

  • फंड की तुलना करने का आधार: अलग-अलग म्यूचुअल फंड के स्टैंडर्ड डेविएशन की तुलना करके आप यह समझ सकते हैं कि कौन सा फंड आपके निवेश लक्ष्य और जोखिम सहनशीलता के अनुसार सही है।


आज हम बात करने वाले हैं स्टैंडर्ड डेविएशन के बारे में, जो म्यूचुअल फंड की दुनिया में बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं या सोच रहे हैं कि क्या निवेश करें, तो इस शब्द को समझना आपके लिए बहुत जरूरी है। चलिए, इसे आसान तरीके से समझते हैं।


स्टैंडर्ड डेविएशन क्या है?

स्टैंडर्ड डेविएशन एक ऐसा टूल है जो बताता है कि म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन (performance) कितना स्थिर या अस्थिर है। दूसरे शब्दों में, यह बताता है कि फंड के रिटर्न कितने "फ्लक्चुएट" (ऊपर-नीचे होते) हैं।

उदाहरण के लिए:

  • अगर किसी म्यूचुअल फंड का स्टैंडर्ड डेविएशन कम है, तो इसका मतलब है कि उसका प्रदर्शन स्थिर है। यानी, फंड के रिटर्न में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता।
  • अगर स्टैंडर्ड डेविएशन ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि फंड का प्रदर्शन अस्थिर है। यानी, रिटर्न में बहुत उतार-चढ़ाव हो सकता है।

स्टैंडर्ड डेविएशन कैसे काम करता है?

चलिए एक छोटा सा उदाहरण लेते हैं।

मान लीजिए कि आपने एक म्यूचुअल फंड में निवेश किया है। पिछले 5 सालों में उस फंड ने इन रिटर्न दिए हैं:

  • पहले साल: 8%
  • दूसरे साल: 10%
  • तीसरे साल: 12%
  • चौथे साल: 6%
  • पांचवें साल: 14%

अब, इन रिटर्न का औसत (Mean) निकालेंगे:

औसत=58+10+12+6+14​=10%

फिर, हर साल के रिटर्न को औसत से घटाकर उसका वर्ग निकालेंगे। इसके बाद, इन वर्गों का औसत निकालकर उसका वर्गमूल निकाल देंगे। यही आपका स्टैंडर्ड डेविएशन है।

 


स्टैंडर्ड डेविएशन का महत्व क्या है?

  1. जोखिम का मापन:
    स्टैंडर्ड डेविएशन आपको बताता है कि आपके निवेश में कितना जोखिम है। अगर स्टैंडर्ड डेविएशन ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि फंड का प्रदर्शन अस्थिर है। यानी, आपको ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना है, लेकिन नुकसान का खतरा भी ज्यादा है।

  2. निवेशक की पसंद का पता लगाना:

    • अगर आप जोखिम लेने के लिए तैयार हैं और ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, तो आप उस फंड का चुनाव कर सकते हैं जिसका स्टैंडर्ड डेविएशन ज्यादा है।
    • लेकिन अगर आपको स्थिर रिटर्न चाहिए और आप जोखिम से बचना चाहते हैं, तो कम स्टैंडर्ड डेविएशन वाले फंड का चुनाव करें।
  3. फंड की तुलना करने में मदद:
    अलग-अलग म्यूचुअल फंड के स्टैंडर्ड डेविएशन की तुलना करके आप यह समझ सकते हैं कि कौन सा फंड आपके लिए सही है।


स्टैंडर्ड डेविएशन का उपयोग कैसे करें?

  1. अपने लक्ष्य को समझें:
    अगर आपका लक्ष्य लंबे समय में धन बढ़ाना है और आप जोखिम ले सकते हैं, तो थोड़ा ज्यादा स्टैंडर्ड डेविएशन वाले फंड का चुनाव करें।

  2. अपनी उम्र को ध्यान में रखें:
    जवान लोग जोखिम ले सकते हैं, लेकिन बुजुर्ग लोग स्थिर रिटर्न चाहते हैं।

  3. फंड के प्रकार को देखें:

    • इक्विटी फंड (Equity Fund): इनका स्टैंडर्ड डेविएशन ज्यादा होता है क्योंकि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है।
    • डेट फंड (Debt Fund): इनका स्टैंडर्ड डेविएशन कम होता है क्योंकि ये स्थिर रिटर्न देने वाले होते हैं।

निष्कर्ष: स्टैंडर्ड डेविएशन आपका मित्र है!

दोस्तों, स्टैंडर्ड डेविएशन एक ऐसा टूल है जो आपको म्यूचुअल फंड के जोखिम को समझने में मदद करता है। इसे समझने से आप अपने निवेश के बारे में बेहतर फैसले ले सकते हैं।

तो, अगली बार जब आप म्यूचुअल फंड के बारे में सोचें, तो स्टैंडर्ड डेविएशन को भी जरूर देखें। यह आपका निवेश सफल बनाने में मददगार साबित होगा। 😊

अगर आपके मन में कोई सवाल है, तो कमेंट करके जरूर पूछिए। हम आपकी हर संदेह को दूर करने के लिए तैयार हैं।